इन्टरनेट एक दुसरे से जुड़े कई कंप्यूटरों का जाल है जो राउटर एवं सर्वर के माध्यम से दुनिया के किसी भी कंप्यूटर को आपस में एक दुसरे से जोड़ता है. जिसे हम इंटरनेट कहते है दुसरे शब्दों में कहा जाये तो सूचनाओ के आदान प्रदान करने के लिए Protocol के माध्यम से दो कंप्यूटरों के बीच स्थापित सम्बन्ध को इंटरनेट कहते हैं. इन्टरनेट विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क है |
- इंटरनेट का उपयोग,
- इंटरनेट का महत्व
- इंटरनेट का इतिहास हिंदी में
- इंटरनेट की खोज किसने किया
हिंदी में इन्टरनेट का मेनिंग क्या होती है |
इन्टरनेट एक इंग्लिश शब्द है जो इंग्लिश के ही एक और शब्द “Internetworked” से लिया गया है. हिंदी में इन्टरनेट का मेनिंग होता है “अंतरजाल“. इन्टरनेट हजारों-लाखों कम्प्यूटरों का एक जाल है इसे हिंदी में अंतरजाल या फिर सामान्य भाषा में “महाजाल” भी कह सकते है.
इन्टरनेट का इतिहास
कहते है आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है. यह बात इन्टरनेट की खोज पर बिलकुल सटीक बैठती है. इन्टरनेट का इतिहास बहुत ज्यादा पुराना नहीं है. सन 1960 में शीत युद्ध के दौरान गुप्त रूप से बहुत तेज गति से सूचनाओं के आदान प्रदान करने की आवश्यकता हुई. इसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए तकनीक का इस्तेमाल कर एक नेटवर्क की खोज हुई, जिसे आज हम इन्टरनेट के नाम से जानते है. अगर बात की जाये कि इन्टरनेट की खोज किसने की इसमें किसी एक व्यक्ति को पूरा श्रेय नहीं दिया जा सकता है. इन्टरनेट का आविष्कार करने में कई लोगों का योगदान था.
इन्टरनेट का खोज किसने की ?
इन्टरनेट का खोज शीत युद्ध के दौरान सबसे पहले लियोनार्ड क्लेरॉक (Leonard Kleinrock) ने अमेरिकी रक्षा विभाग को एक नयी तकनीक से लैस करने की योजना बनायीं. इस योजना के अनुसार कई कंप्यूटरों को आपस में जोड़ कर सूचनाओं का आदान प्रदान करना था, जिससे कि सेना को जरुरी जानकारी बहुत जल्दी मिल जाए. इस नेटवर्क को बनाने में उनका साथ दिया एम.आई.टी. के वैज्ञानिक J.C.R. Licklider और रोबर्ट टेलर (Robert Taylor) ने. जिन्होंने ने सन 1962 में कंप्यूटर का एक “Intergalactic Computer Network” बनाने का प्रताव रखा. जिस पर लगातार काम होता रहा.और 1965 में, एक और एम.आई.टी. वैज्ञानिक ने एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक जानकारी भेजने का एक तरीका विकसित किया जिसे “Packet Switching” कहा गया। पैकेट स्विचिंग डाटा को ब्लाक या पैकेट में तोड़ कर डाटा ट्रान्सफर करता था.इस तकनीक की शुरुआत सबसे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग की "Advance Research Projects Agency" (ARPA) द्वारा की गई थी। जिस वजह से इसे ARPANET का नाम दिया गया. ARPANET में एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर से जोड़ने के लिए NCP यानि कि (Network Control Protocol) का इस्तेमाल किया गया था.
October 29, 1969 को ARPAnet के माध्यम से पहला सन्देश “LOGIN” लिख कर भेजा गया, जो कि आंशिक रूप से सफल हुआ और सन्देश के पहले दो अक्षर “LO” का ही डाटा ट्रान्सफर हुआ.1969 के अंत तक, ARPAnet से सिर्फ चार कंप्यूटर जुड़े थे, लेकिन 1970 के दौरान यह नेटवर्क लगातार बढ़ता गया। 1971 में, इसने University of Hawaii के ALOHAnet को जोड़ा और दो साल बाद इसने लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज और नॉर्वे के रॉयल रडार प्रतिष्ठान में नेटवर्क को जोड़ा। जैसे जैसे इस नेटवर्क से बहुत सारे कंप्यूटर जुड़ते गए जिससे इसे वैश्विक स्तर पर एकीकृत करना कठिन होता चला गया. सन 1971 में सबसे पहला Email Ray Tomlinson ने भेजा था। जैसे जैसे इसके फायदे का पता चलता गया वैसे वैसे ही इसका इस्तेमाल बढता गया.
इन्टरनेट की पहली वेबसाइट कौन थी ? First website on the Internet
इन्टरनेट पर पहला वेब पेज 6 अगस्त 1991 को लाइव हुआ था। यह वर्ल्ड वाइड वेब प्रोजेक्ट की जानकारी के लिए समर्पित था और इसे टिम बर्नर्स-ली (Berners-Lee) ने बनाया था। यह यूरोपीय संगठन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च में एक NeXT computer पर संचालित हुआ था. इस पहले वेब पेज का एड्रेस http://info.cern.ch/hypertext/WWW/TheProject.html था. और आज भी live है. "first website on internet"
आज इंटरनेट का उपयोग
इन्टरनेट के प्रयोग का दायरा बहुत ही ज्यादा असीमित हो चूका है. अपने प्रारंभिक दौर में इन्टरनेट का दायरा बहुत ही ज्यादा सीमित था और इसका प्रयोग वैज्ञानिक और रक्षा विभाग से सम्बंधित कार्यों कि सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए ही किया जाता था. लेकिन जैसे जैसे इन्टरनेट की पहुच में आम आदमी आया इसके उपयोग का दायरा बढ़ता ही चला गया और आज असीमित क्षेत्रों में इसका उपयोग होने लगा और इन्टरनेट आज हमारे जीवन एक अभिन्न हिस्सा बन चूका है. आज इन्टरनेट का उपयोग कई चीजों में होने लगा है
- मनोरंजन के लिए
- बैंकिंग के लिए
- किसी भी डॉक्यूमेंट को मेल के माध्यम से ट्रान्सफर करने के लिए
- आपस में बात चीत करने के लिए
- नए दोस्त बना सकते है
- ऑनलाइन पढाई कर सकते है
- घर बैठे शोपिंग कर कर सकते है
- न्यूज़ पढ़ सकते है
- मोबाइल, बिजली, फ़ोन का बिल जमा कर सकते है.
- बिज़नस के प्रचार प्रसार के लिए.
- विज्ञापन के लिए
- किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इत्यादि